24 मार्च 1982 को जर्मन चिकित्सक सूक्ष्म जीव विज्ञानी रॉर्बट कोच ने क्षय रोग जैसे घातक बीमारी के कारण बैक्टीरिया की खोज की जो कि टी.बी. के निदान और उपचार में बहुत मददगार था। हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी पीपुल्स विश्वविधालय की इकाई पीपुल्स कॉलेज ऑफ पैरामडिकल सांइसेस के एनएसएस के छात्र एवं छात्रा इकाई के स्वंय सेवकों ने क्षय रोग पर एक सप्ताहिक कार्यक्रम की योजना के अर्न्तगत 18 मार्च से 23 मार्च तक जागरूकता अभियान आयोजित कर कई जगहों पर जा कर लोंगों को जागरूक कर समुदायों गृहणियों, दुकानदारों और ऑटो चालकों, राहगीरों आदि को टीबी के लक्षण व बचाव एव वीबी उन्मूलन संबंधित सरकारी योजनाओं की जानकारी दी। इस दौरान क्षय रोग के लक्षण दिखने पर लोगों को उपचार कराने हेतू प्रेरित किया। 18 मार्च को एक दिवसीय सेमीनार का आयोजन किया जिसमें मुख्य वक्ता जैना कुशवहा ने क्षय रोग विषय पर महत्वपूर्ण जानकारी देते हुए क्षय रोग के प्रकार एंव जोखिम कारक, लक्षण, परीक्षण एवं उपचार के बारे में बताते हुए क्षय रोग कैसे हवा के माध्यम से एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति पर फैलता है। आगे उन्होंने क्षय रोग परीक्षण के आधुनिक तकनीकों के बारे में भी जानकारी दी। तथा क्षय रोग से पीडित मरीजों के लिए सरकारी योजनाओं और सुविधाओं के बारे में विस्तार से बताया। और छात्रों को क्षय रोग के बारे में अधिक से अधिक लोगों के बीच जा कर अवगत कराने के प्रेरित किया है। 19 मार्च को पोस्टर प्रतियोगिता का आयोजित किया गया जिसमें अमन केसरी द्वारा प्रथम स्थान प्राप्त किया। 20 मार्च को पॉम्पलेट डिजाईन प्रतियोगिता में रीया घोषी ने प्रथम स्थान प्राप्त किया। 21 से 22 मार्च को एनएसएस छात्र छात्रा इकाई के स्वंय सेवकों द्वारा आस पास के क्षेत्रों में जा कर जन जागरूकता फैलाई गई।
एनएसएस छात्र इकाई के स्वंय सेवक अमन कुमार केसरी ने बताया कि टीबी के प्रति लोगों की शाकाएं दूर कर उन्हें समय रहते इलाज कराने हेतू प्रेरित किया लोगों ने भी इस कार्यक्रम की सराहना करते हुए अन्य लोगों को भी जानकारी फैलाने एवं स्वय भी सर्तकता बरतने की बात कही। एनएसएस छात्रा इकाई की स्वंय सेवक भावना राजपूत ने अपनी प्रक्रिया देते हुए बताया कि लोग टीबी और उसके उपचार के बारे में जागरूक नहीं थे हमने उन्हें क्षय रोग के इलाज बचाव लक्षण के बारे में सफलता पूर्वक जागरूक किया।
23 मार्च को समापन कार्यक्रम में कार्यक्रम कोअर्डिनेटर मिस, प्रियका शुक्ला द्वारा सभी विजेताओं को पुरस्कृत कर प्रोत्साहित किया ।